नई भाभी की चुदाई करके सुहागरात मनाई

दोस्तो, मैं सुनील, अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मैं आज तक केवल इधर चुदाई की कहानी पढ़ कर मस्त होता रहता था.. पर भगवान ने मुझे मौक़ा दे ही दिया कि मैं आपके साथ अपनी चुदाई की कहानी शेयर कर सकूँ।

मैं दिल्ली में रहता हूँ.. मेरा रंग गोरा है, हाइट 5 फुट 7 इंच की है.. मैं एक चुत को भली भाँति चोदने के मतलब से ठीक-ठाक बन्दा दिखता हूँ।

मेरे सगे भाई और ताऊ के लड़के की शादी हाल ही में हुई है। शादी के बाद मेरी दोनों भाभी एक साथ दिल्ली आ गईं। मेरे ताऊ के लड़के की वाइफ सौंदर्या (बदला हुआ नाम) और मैं एक ही उम्र के हैं। हम दोनों शादी से पहले मिल भी चुके थे और हमारी व्हाट्सएप पर चैटिंग भी होती थी। इसके चलते हम दोनों शादी से पहले ही अच्छे फ्रेंड बन चुके थे।

जब वो पहली बार दिल्ली आईं, तो क्या लग रही थीं। भाभी की एकदम दूध से गोरी-चिट्टी फिगर ऐसी थी कि कोई भी देखते ही कामुक हो जाए।

भाभी की आँखों में मुझसे मिलने की खुशी साफ़ झलक रही थी, वो अपने पति के हमारे घर में ही फर्स्ट फ्लोर पर रहने लगीं। मेरे ताऊ का लड़का संतोष नाइट ड्यूटी पर जाता था.. सो भाभी भी अकेली हो जाती थीं। इसके चलते वो मुझे अपने पास बुला लेती.. तो मैं भी उनके पास बड़े प्रसन्नता से आ जाता था। हम दोनों देर तक बात करते और एक साथ खाना आदि भी खाते रहते थे। इस तरह हमारे बीच करीबी बढ़ गई। वो हमेशा मुझसे पूछती रहती थीं कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड क्यों नहीं है। उनकी इस बात पर मैं चुप हो जाता था।

उनकी उफनती जवानी को देख कर मैंने सोच लिया था कि मुझे उनके साथ चोदा चोदी करनी ही है।

एक रात मैंने मम्मी को बोल दिया कि मैं छत पर सोने जा रहा हूँ। इसके बाद मैं सिगरेट खरीद कर भाभी के पास जा पहुँचा।

भाभी मुझे देखके हैरान हो गईं और बोलीं- क्या हुआ? आज यहाँ इस टाइम कैसे आ गए? मैंने बोला- भाभी आज मैं यहाँ सो जाऊं तो कोई प्राब्लम तो नहीं है आपको? उन्होंने शर्मा कर बोला- प्राब्लम क्या.. मुझे तो खुशी होगी। मैं जाकर उनके बिस्तर पर बैठ गया। तभी भाभी बोलीं- आप बैठो, मैं कपड़े चेंज करके आती हूँ।

वो बाथरूम में चली गईं और दस मिनट बाद जब भाभी नाइटी पहन कर बाहर आईं तो क्या ग़ज़ब की माल लग रही थीं.. मेरे तो होश ही उड़ गए। भाभी ने मेरी नज़र भाँप ली और पूछा- ऐसा क्या देख रहे हो? मैंने बोला- मैंने कभी आपको ऐसे नाइटी में नहीं देखा था.. आप तो कमाल लग रही हो। उन्होंने बोला- चल झूठे..

इतना कह कर भाभी शर्मा गईं और आज भाभी ने फिर वही सवाल पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड क्यों नहीं है? मैंने जेब से सिगरेट निकाल कर भाभी को दिखाते हुए कहा- आज तक वो लड़की नहीं मिली.. जो मेरे साथ मेरी आधी सिगरेट पिए। तो उन्होंने हैरानी की नज़रों से मुझे देखा और पूछा- तुम सिगरेट पीते हो? मैंने बोला- कभी-कभी.. तो उन्होंने बताया कि वो 12वीं क्लास में स्मोक किया करती थीं। अब मैं तपाक से बोल उठा- तो आज भी मेरे साथ पी लो। उन्होंने बोला- हाँ जलाओ।

मैंने फटाक से सिगरेट जलाई और पीना स्टार्ट कर दिया। कुछ देर बाद वो बोलीं- क्या अकेले ही पीओगे? तो मैंने उनकी तरफ सिगरेट को बढ़ा दी भाभी ने सिगरेट मुँह से लगाई और पहला कश खींचते ही वो खांस दीं।

मुझे पता चल गया कि वो झूठ बोल रही थीं.. पर उन्होंने मुझे दिखाने के लिए पूरी सिगरेट पी ली। सिगरेट के पीने से हल्का नशा सा हुआ और भाभी नशे में होने की वजह से सीधे जाकर बेड पर लेट गईं।

मैं भी उनके बगल में लेट गया। वो मेरी तरफ मुँह करके लेटी हुई थीं। मैंने भाभी से पूछा- अपने मुझसे झूठ क्यों बोला कि आप सिगरेट पीती हो? भाभी मेरी आँखों में देखा कर हंस दीं और उन्होंने बोला- जबसे मैंने तुम्हें देखा है.. तुम मुझे पसंद आ गए हो।

मैं समझ गया कि फर्स्ट टाइम पीने की वजह से उनके सर पर सिगरेट चढ़ गई है। मैंने भी उनको बोल दिया- मैं भी आपको पसंद करता हूँ इसी लिए आज तक गर्लफ्रेंड नहीं बनाई है। तो वो मेरी तरफ प्यार भरी नजरों से देखने लगीं।

उन्होंने पूछा- तुम्हें पता है.. जब लड़का और लड़की एक साथ होते हैं तो क्या करते हैं? मैं बोला- मैंने कभी किया नहीं.. पर मुझे पता है कि क्या करते हैं। इतना बोलकर मैंने उनको किस कर लिया।

उन्होंने झट से बोला- तुम काफ़ी चालू हो.. इतनी बढ़िया सी कैसे किस कर लेते हो? मैंने बोला- मैंने काफ़ी वीडियोज देखी हैं भाभी और किस तो क्या.. मैंने तो चुत चोदते भी देखा है।

यह कह कर मैंने उनको कसके पकड़ लिया और उनके चुचो को दबाने लगा। वो मचलने लगीं और मैं और ज़ोर से भाभी को किस करने लगा।

अब भाभी तो जैसे 7वें आसमान पर उड़ रही थीं। मैं और ज़ोर से भाभी के चुचे दबाने लगा और वो मेरे कान काटने लग गईं।

अब मैं भाभी के ऊपर आधा चढ़ गया और उनकी नाइटी को ऊपर को उठा कर उनको नंगी करने लगा। भाभी ने नाइटी हटाने में मेरा साथ दिया। भाभी ने अन्दर ब्रा-पेंटी नहीं पहनी थी। वो मेरे सामने एकदम नंगी लेटी थीं।

मेरे से रुका नहीं गया और मैं उनके शरीर के हर हिस्से किस करने लगा। ये मेरा फर्स्ट टाइम था और मेरी उत्तेजना चरम सीमा पर थी। मेरा नाग उफान मार रहा था। मैंने भाभी की जाँघों पर किस किया.. फिर उनकी जांघें खोल दीं। उनकी चुत बिल्कुल ऐसी थी, जैसे कभी चोदी ही नहीं गई हो। मैंने भाभी से पूछा- क्या आपने कभी सेक्स नहीं किया है? तो उन्होंने बोला- मेरी तो फर्स्ट नाइट भी नहीं हुई थी.. शादी के अगैल दिन तो तुम्हारे भैया गाँव से दिल्ली आ गए थे। उमरे यहाँ आने के बाद से उनकी नाईट ड्यूटी चल रही है.

मैं हतप्रभ रह गया कि मेरे हाथ में एक सीलपैक चुत आ चुकी है। मैंने उनकी चुत पर पहले हाथ फेरा.. फिर अपना मुँह उस पर टिका कर चाटने लगा।

उन्होंने फट से बोला- ये क्या कर रहे हो? मैंने बोला- आपको मजा दिला रहा हूँ। उन्होंने कहा- हाय.. ये तो काफ़ी मज़ेदार है।

भाभी मादक सिसकारियां लेने लगीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ दो मिनट में उनकी चुत से तरल पानी निकलने लगा और उस चुतरस की महक बहुत अच्छी थी। मैं भाभी कि चुत का रस चाटने लगा।

फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए, मैं भाभी से बोला- अब आप मुझे भी मज़े दिला दो और मेरा लंड भी चूसो ना।

उन्होंने लंड चूसने से साफ़ मना कर दिया। मैं भी कमीना था.. मैंने कहा कोई बात नहीं.. चलो ये बताओ कि आपके पास कंडोम है क्या? उन्होंने हँसकर बोला- ये लड़कियों के पास नहीं.. लड़कों के पास होना चाहिए। मैंने कहा- है तो बोलो.. नहीं तो मैं पन्नी इस्तेमाल कर लूँगा। उन्होंने हंसते हुए बोला- तुम्हारे भैया 5 कंडोम लाए थे.. जब नाइट ड्यूटी ख़त्म हो जाएगी.. तब यूज करेंगे। उनके ये बोलते ही मैंने बोला- अभी तो ले आओ.. फिर वापस खरीद कर रख देंगे।

वो गईं और अलमारी से कंडोम ले कर आईं और मुझे पकड़ा दिए।

मैंने बोला- मुझे लगाना नहीं आता है। उन्होंने हंसते हुए मेरा लंड पकड़ा और कंडोम चढ़ा दिया। मैंने उन्हें फिर से बेड पर चित्त लेटा दिया और उनकी जांघें खोल दीं। भाभी ने सहमते हुए कहा- मुझे काफ़ी दर्द होगा.. आज रहने दो ना। मैं बोला- आज नहीं तो कल.. ये दर्द तो एक बार सहना ही होगा.. तो आज क्यों नहीं.. और भाभी मैं आपसे प्रॉमिस करता हूँ कि मैं बहुत प्यार से धीरे-धीरे चुदाई करूँगा।

फिर उन्होंने अपना मुँह अपनी हथेलियों से ढक लिया। मैं अपना लंड उनकी चुत पर रगड़ने लगा और वो सिसकने लगीं। फिर धीरे से मैंने अपना लंड चुत में पेला तो वो दर्द से चीखने लगीं। मैं भाभी के चुचे मसलने लगा और उनको चूम कर शांत किया। भाभी के शांत होते ही मैंने फिर से थोड़ा पुश लिया। अब मुझे भी अपने लंड के टोपे पर एक दर्द सा लगा। भाभी की चुत काफ़ी टाइट थी। मैंने थोड़ा रुकने के बाद फिर एक तगड़ा झटका मारा और भाभी के मुँह से एक भयंकर चीख निकली।

भाभी की चुत से खून बहने लगा था.. ये देख कर मैं डर गया। मैंने भाभी से बोला- आपकी चुत से खून निकल रहा है? वो बोलीं- ये मेरा फर्स्ट टाइम है ना.. इसलिए खून निकला है। यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

दो मिनट बाद उनका खून निकला बंद हुआ तो मैंने धीरे से झटका मारना चालू कर दिया।

कुछ देर धकापेल हुई और भाभी अकड़ते हुए बिस्तर पर अपने नाख़ून गाड़ने लगीं ‘ओह सुनील.. आह.. तुम तो मार ही डालोगे क्या..’ मैंने बोला- अभी तो काम चालू हुआ है मेरी जान। मैंने लंड के झटके मारने की स्पीड तेज कर दी और उनको किस भी करने लगा।

दो मिनट बाद मैं झड़ने को हुआ और मैंने कंडोम में ही अपना रस निकाल दिया। बहुत अधिक रस निकला था, कंडोम पूरा भर गया था।

मैंने कुछ देर अपना लंड भाभी की चुत में ही पड़ा रहने दिया। भाभी भी मुझे कसके पकड़ कर लेट गईं। कोई 5 मिनट बाद मैं चुत में ही लंड डाले पड़ा हुआ रहा था कि फिर से तैयार हो गया. मैंने कंडोम बदला और मैं फिर से भाभी की चुत चोदने लगा।

इस बार मेरा लंड काफी देर तक नहीं झड़ा। बहुत देर तक लंड से भाभी की चुत की मालिश करने के मैं उनको कसके पकड़ कर झड़ गया। उस रात हम दोनों ने 3 बार सेक्स किया।

इसके बाद हमारे सेक्स का सिलसिला चलता रहा.. क्योंकि संतोष भाई एक महीने में 15 दिन नाइट डयूटी में रहता है। इस दौरान हम दोनों को जब भी मौक़ा मिलता है.. हम दोनों जम के सेक्स का मजा लेते हैं।

अब तो भाभी मेरे लंड को मुँह में भी ले लेती हैं और मुझे पूरा मज़ा देती हैं।

आपको मेरी भाभी की चुत की चुदाई की कहानी अच्छी लगी या नहीं, मुझे मेल जरूर करें। [email protected]