साली की चुदाई करके सील तोड़ी

हैलो दोस्तो, मेरा नाम राज है.. मैं 25 साल का हूँ. मैं गुजरात का रहने वाला हूँ. अन्तर्वासना की हिंदी में सेक्स स्टोरी को रोज पढ़ता हूँ. आज मैंने सोचा कि मैं भी अपनी जीजा साली सेक्स स्टोरी लिखूँ. मेरी कोई अपनी साली नहीं है, लेकिन मेरी मौसी सास की लड़कियां हैं जो कि मेरी सालियां हैं, दोनों मस्त माल हैं. मेरी बड़ी साली उसके बड़े पापा साथ रहती है और छोटी उसकी मम्मी और डैडी के साथ रहती है. मेरी साली की साइज़ 26-28-30 की है. मैं मेरी साली को मेरी वाइफ कहकर ही बुलाता था. वो भी मुझसे खूब चहक कर बात करती थी.

ये बात उन दिनों की है, जब मेरी मौसीजी की 25 वीं एनिवरसिरी थी और मुझे घर की डेकोरेशन में मदद के लिए बुलाया था. हालांकि फंक्शन एक हॉल से होकर था.

घर की डेकोरेशन करते समय वो मस्ती कर रही थी, उसी मस्ती में दो बार मेरा उसके मम्मों पर हाथ लग गया और वो शर्मा गई.

फिर सब लोग तैयार होने लगे और हॉल में जाने के लिए निकले. मेरी बाइक पर मैं मेरी वाइफ और मेरी दोनों सालियां चलने को आई, तो मैंने मेरी छोटी साली को मेरे पीछे बिठा लिया ताकि मैं उसके मम्मों का मजा ले सकूँ. बाइक स्टार्ट की और हम सब चल दिए.

चलते-चलते मैं जानबूझ कर अपनी पीठ से उसके मम्मों को दबा रहा था और गड्डे में होकर ही गाड़ी को चला रहा था, जिसकी वजह से वो आगे-पीछे हो रही थी और मैं उसके मदमस्त मम्मों की नरमी का मज़ा ले रहा था.

फिर हम लोग हॉल पहुँच गए. मेरी साली को उसके पापा ने कुछ बोला और वो उदास सी हो गई. उसके बाद मैं और साली केक लेने चले गए, और केक लाने बाद जब हम हॉल में पहुँचे तो कार्यक्रम शुरू होने में अभी टाइम था. वो बोली- चलो, केक घर पे रख आते हैं. मैं उसके साथ चला गया.

घर जाकर केक फ़्रीज़ में रखा और उसके उदास चेहरे को देख कर मैंने उससे कहा- क्या हो गया.. ऐसा चलता रहता है, मन खराब मत करो.

मैंने उसको गले लगा लिया और वो मान गई. फिर मैंने उसका चेहरा दोनों हाथों से पकड़ कर उसके नाज़ुक होंठों को चूम लिया. जब उसका कोई ऐतराज नहीं हुआ तो मैं उसके गाल पर, गले पर किस करने लगा.

वो शर्मा गई और अन्दर चली गई. मैं समझ गया कि उसे भी अच्छा लगा है. मैंने उसके पीछे से जाकर उसे जकड़ लिया और गले पर किस करने लगा. वो मुझसे छुड़ाने कोशिश करने लगी और दूर हो गई. फिर मैंने उसको खींचते हुए दीवार से चिपका कर उसे फिर किस करने लगा और उसके मम्मों को दबाने लगा. वो मुझसे छूटने के लिए मचलती रही और कहने लगी- प्लीज़ जीजू नहीं मत करो.

अब मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने साली की चुदाई करनी थी लेकिन टाइम की कमी के कारण मैंने उसे छोड़ दिया और हम वापस हॉल को चले गए. उस दिन मेरी साली पूरा दिन मेरे साथ मेरी वाइफ की तरह रही. फिर फंक्शन ख़त्म होते ही हम लोग वापस चले आए.

फिर एक दिन मेरी मौसीजी को कहीं बाहर गाँव जाना हुआ, साथ में मेरी वाइफ भी गई हुई थी. मेरे मौसाजी दुकान चले गए थे तो मैं मौका देख कर घर आ गया और उसे चोदने का प्लान बना लिया.

मैं जैसे ही वहां पहुंचा तो उसने कहा- अरे जीजू, यहाँ कैसे आना हुआ? तो मैंने कहा- कुछ नहीं.. यहाँ से गुजर रहा था, सोचा सबको मिलता चलूँ.. पर कोई दिख नहीं रहा है.. सब कहाँ गए? उसने कहा- मम्मी बाहर गाँव गई हैं और पापा दुकान गए हैं, आप अन्दर आइए ना..!

फिर हम बातें करने लगे और फिर मेरी साली ने पूछा- जीजू क्या लेंगे चाय ठंडा? तो मैंने मस्ती में कहा- आज तो तुम्हारा दूध पीना है.

वो शर्मा गई और किचन में चली गई. मैं भी उसके पीछे किचन में आ गया और उसको पीछे से पकड़ लिया.

अब मैं उसकी गर्दन पर किस करने लगा. वो पहले तो कुछ नहीं बोली तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं उसके मम्मों को को सहलाने लगा.

अब वो मुझे दूर हटाते हुए कहने लगी- नहीं जीजू, प्लीज़ ये ग़लत है. मैंने कहा- प्यार करना ग़लत या बुरा नहीं होता.

वो कुछ नहीं बोली और मैं उसे गले पर चूमने लगा और उसके मम्मों को दबाने लगा. अब वो भी थोड़ी गर्म होती जा रही थी. तभी अचानक उसने फिर से बोला- नहीं जीजू मत करो.. लेकिन अब मैं कहाँ मानने वाला था. मैंने कहा- क्या तुम मुझे प्यार नहीं करती? तो वो बोली- ऐसी बात नहीं है. मैंने कहा- प्यार करती तो हो.. लेकिन मुझे करने नहीं देती.

वो फिर से शर्मा गई और उसने मुझसे चिपके रह कर दुबारा पूछा- क्या पीओगे? मैंने कहा- वही.. जो मैंने पहले कहा था.. तेरा दूध पीना है. वो इठला कर बोली- अभी इसमें से दूध कैसे निकलेगा? मैंने कहा- वो तुम मुझ पर छोड़ दो. लेकिन उसने मना कर दिया, तो मैं उसे मनाते हुए बोला- तो ठीक है, मैं जा रहा हूँ, तुम मुझे प्यार नहीं करती, बाय.

मैं ये कहकर जाने लगा तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा- प्लीज़ मत जाओ.. पर ये ग़लत है. मैं नहीं माना तो आख़िर में उसने ‘हाँ’ कर दी.

उसके हामी भरते समय मैंने उसके चेहरे पे एक अजीब सी लाली देखी. उसी वक्त मैं उसके मुँह को पकड़ कर उसके लब पर किस करने लगा और उसके लब चूसने लगा. अब वो भी मेरा साथ देने लगी.

फिर मैं उसका टॉप निकालने लगा तो वो बोली- नहीं.. तो मैंने कहा- फिर मैं दूध कैसे पीऊंगा? बोली- सिर्फ़ ऊंचा करके कर लो. मैंने कहा- चलो, ठीक है.

मैंने उसका टॉप ऊंचा करके उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को साइड में करके उसके मस्त मम्मों को देखने लगा. उसने पूछा- क्या देख रहे? तो मैं बोला- तुम्हारे मम्मों को.. कितने गुलाबी हैं.

वो शर्मा गई.. मैंने उसके मम्मों पे जैसे हाथ रखा, उसने अपनी आँखें बंद कर लीं. उसके बाद मैंने उसके लब चूसना शुरू कर दिए और दस मिनट तक चूसे.

अब मेरी साली बोली- सिर्फ होंठ ही चूसोगे कि दूध भी पीओगे? तो मैंने कहा- क्या बात है.. बहुत उतावली हो रही हो?

उसने आँखें नीचे कर लीं. फिर मैं सोफे पर बैठ गया. मैंने मेरी साली को गोद में अपनी तरफ मुँह करके बिठा लिया और उसके एक मम्मे को अपने मुँह में ले लिया. जैसे ही मैंने उसकी निप्पल पे जीभ फिराई.. तो उसकी सिरहन निकल गई- सीईईई.. और मेरा सिर पकड़ लिया.

मैंने उसके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया और वो सिसकारी लेने लगी ‘आहह.. सीईईई.. उऊहह.. बस जीजू प्लीज़ कुछ हो रहा है..’ मैंने जोर से उसका निप्पल दबा दिया.. तो वो उछल पड़ी.

वो धीरे-धीरे गर्म होती जा रही थी.. उसी वक़्त मैंने उसकी टॉप निकाल दिया, उसको पता ही नहीं चला. अब मैं उसके पेट पर किस करने लगा और धीरे से सलवार का नाड़ा भी खोल दिया. इसके तुरंत बाद मैंने अपने हाथ को सलवार के अन्दर डाल कर चड्डी के ऊपर से ही उसकी चुत को छुआ, वो एकदम से हिल गई.

वो सिसयाते हुए कहने लगी- नहीं जीजू प्लीज़.. ये ग़लत है.

लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था. मैं उसका एक बूब मुँह में लेकर चूस रहा था और दूसरा बूब एक हाथ से मसल रहा था. साथ ही दूसरे हाथ से उसकी चुत को भी रब कर रहा था. वो मस्ती में आँखें बंद करके चुत की चुदास से मचल कर सिसकारी ले रही थी ‘अह.. सीईई.. अहह उम्म्म्म.. आअहह जीजू.. नीचे कुछ हो रहा है.. प्लीज़ हाथ हटा लो..’

अब वो पूरी गर्म हो चुकी थी और मेरा सिर पकड़ कर खुद अपने बूब पे दबा रही थी, उसकी ‘आअहह ससईईईई और जोर से चूसो आअहह..’ की सिस्कारियां मुझे उत्तेजित कर रही थीं.

फिर मैंने उसको बेड पे लिटा दिया और उसके पूरे बदन को चूमने लगा और धीरे-धीरे नीचे आकर उसके पेट को चूमा, उसकी नाभि में जीभ डाल कर चूसने लगा. वो इतनी मदहोश हो गई थी कि मैंने उसकी सलवार और पेंटी पूरी तरह से उसकी टांगों से निकाल दी और उसे पूरी नंगी कर दिया.

अहा.. क्या कयामत लग रही थी..

फिर मैंने उसके पैरों को खोल कर उसकी गुलाबी चुत के दाने पर अपनी जीभ को फेरा.. तो उछल पड़ी. वो बोली- अह.. जीजू नहीं ये नहीं प्लीज़.. लेकिन मैंने अपना काम चालू रखा. वो कुछ नहीं बोली.. बस ‘सीईईईह.. आअहह ऊहह और करो.. आअहह..’

अब मैं भी जोश में आ गया और उसकी चुत का दाना खींचते हुए चुत को चाटने लगा. उसकी चुत से अजीब सा रस निकल रहा था. वो झड़ने लगी थी.. मैं उसका पूरा रस पी गया.

वो जोर से चिल्ला उठी- आअहह उईई.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैं गई.. अह.. इतना कह कर वो ढीली हो कर निढाल हो गई. थोड़ी बाद मैंने उसको मेरा लंड चूसने को कहा, पहले तो मना करने लगी.

बोली- मुझे अच्छा नहीं लगता. तो मैंने कहा- एक बार ले कर देखो.. अगर मज़ा ना आए तो निकाल देना. वो मान गई.. लेकिन मेरा लम्बा लंड देख कर पहले तो डर गई और बोली- जीजू ये तो बहुत मोटा है.. मेरे मुँह में नहीं आएगा. मैंने कहा- जितना आ जाए.. उतना ले लो.

जैसे ही उसने अपना मुँह खोला मैंने लंड के सुपारे को उसके मुँह में डाल दिया. वो लंड पर जीभ फेरने लगी और मैं अपने लंड को आगे-पीछे करके उसके मुँह को चोदने लगा. धीरे-धीरे करके उसने मेरा लंड अपने गले तक ले लिया.

अब वो लंड को मुँह से निकालना चाहती थी लेकिन मैंने नहीं निकाला और अन्दर तक झटके मारने लगा.

उसके मुँह से अजीब सी आवाजें निकलने लगीं- उगम्म्म्मम उगउंम्म..

उसकी आँख से आंसू आने लगे. फिर मैंने लंड बाहर निकाल लिया. उसका चेहरा सांस रुकने से पूरा लाल हो गया था.

फिर मैंने उसको लेटा दिया और ऊपर चढ़ कर उसे चूमने लगा. साथ ही एक हाथ से मैं अपने लंड को उसकी चुत पर सैट करने लगा. उसके बाद उसके दोनों हाथ पकड़ कर मैंने एक जोर का धक्का दे मारा, लेकिन चिकनाई के वजह से लंड फिसल गया. मैंने दोबारा से लंड को चुत पर साधा और एक जोर का धक्का लगा दिया. अबकी बार सुपारा अन्दर जाकर फंस गया और वो जोर से उछल कर चिल्लाने लगी- अह जीजू ,मर गई.. बाहर निकालो.. मैं मर जाऊंगी.. बहुत दर्द हो रहा है.. प्लीज़..

मैंने उसकी चिल्ल-पों को नजर अंदाज किया और दूसरे झटके में पूरा लंड पेल अन्दर तक दिया.

उसकी आँख से आंसू निकल आए और मेरा लंड उसकी बच्चेदानी से टकरा गया. मैं अब रुक गया और उसको चूमने लगा.. सहलाने लगा. वो धीरे-धीरे नॉर्मल हुई और उसका दर्द कम हो गया.

जब वो अपनी गांड उठाने लगी तो मैं समझ गया और मैं भी झटके मारने लगा. उसके मुँह से ‘आअहह आऊहह सीईई.. उम्म्म्म..’ की आवाज़ पूरे रूम में आ रही थी.

तकरीबन दस मिनट बाद वो झड़ गई, लेकिन मेरा काम अभी बाकी था. वो ढीली हो गई थी, मैं उसे जोर-जोर से चोदने लगा और कुछ मिनट बाद मैं उसकी चुत में झड़ने को हो गया.

फिर हम दोनों साथ में झड़ गए और मेरे वीर्य से उसकी चुत भर गई. उसने देखा तो चादर पर खून लगा था और उसके साथ में रस भी गिर रहा था.

वो घबरा गई और बोली- जीजू कुछ होगा तो नहीं? मैंने कहा- तुम टेंशन मत लो.. कुछ नहीं होगा.

फिर हम दोनों बाथरूम जाकर साथ में नहाए और मेरी साली को किस करके पूछा- कैसा लगा? तो शर्मा कर बोली- आप पागल हो.. ऐसे कोई करता है भला. मैंने उसे चूमते हुए कहा- आई लव यू. वो बोली- आई लव यू टू जीजू.

उसने मुझे गले लगा कर कहा- बहुत मज़ा आया पति जी. मैंने कहा- दूसरी बार करना है? तो बोली- अभी नहीं.. बाद मैं, अभी कोई आ जाएगा.

फिर मैं अपने घर आ गया. दोस्तो, कैसी लगी मेरी साली की चुदाई सेक्स स्टोरी.. आप मुझे मेरे मेल पर बता सकते हैं. [email protected]

कहानी का अगला भाग: साली का भीगा बदन